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बलुवाना न्यूज पंजाब 🔴 😱 🗻 वैज्ञानिको ने दी खतरनाक चेतावनी , अगर टिहरी बांध टूटा तो हरिद्वार ऋषिकेश एक घण्टे में डूब जाएगा , इतनी बड़ी त्रासदी के लिए इंसान ख़ुद जिम्मेवार होगा 🟡 उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा के लिए जलविद्युत परियोजनाओं को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. माना जा रहा है कि टनल निर्माण से यहां की जमीन भीतर पूरी तरह खोखली हो गई थी. नतीजा ये है कि अब ये जगह-जगह दरकने लगी है. ऐसे में जलविद्युत परियोजनाओं पर कई सवाल उठने लगे हैं. जलविद्युत परियोजनों पर उठ रहे सवालों के बीच विश्व के सबसे बड़े बांधों में एक टिहरी बांध पर भी चर्चा तेज है, जिस टिहरी बांध को 24 सौ मेगावॉट बिजली पैदा करने के लिए बनाया गया था. वहां परियोजना बनने के 17 साल बाद मात्र हजार मेगावॉट ही बिजली का उत्पादन हो रहा है. टिहरी बांध को बनाने में जहां टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा, वहीं 37 गांव पूरी तरह डूब गए. यही नहीं अन्य 88 गांव भी आंशिक रूप प्रभावित हुए हैं. हालात ये हैं कि टिहरी बांध बनने से 40 गांवों में हर समय खतरा मंडराया हुआ है. इन गांवों में अक्सर जमीन दरकने की घटनाएं होती रहतीं हैं. टिहरी बांध में तीन चरणों में काम होना था. पहले चरण में हजार मेगावॉट का टिहरी बांध निर्माण होना था, जबकि दूसरे चरण में 400 मेगावॉट का कोटेश्वर बांध बनना था. जबकि अंत में हजार मेगावॉट की टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना बननी थी. लेकिन जिस योजना को बनाने में एक पूरी सभ्यता को डूबा दिया गया. वहां अभी भी लक्ष्य के मुताबिक बिजली उत्पादन नही हो रहा है. यही नहीं, माना जाता है कि अगर बड़ी तीव्रता का भूंकप आया तो डैम भी टूट सकता है. अगर ऐसा हुआ तो तय है कि ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ और बुलंदशहर तक का इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा. अगर टिहरी बॉंध टूटा तो मात्र एक घंटे में ऋषिकेश और हरिद्वार पूरी तरह पानी में डूब जाएंगे. जबकि 12 घंटे में डैम का पानी मेरठ तक पहुंच जाएगा. इसके अलावा टिहरी बांध की 42 किलोमीटर लंबी झील को खाली होने में सिर्फ 22 मिनट का समय लगेगा▪️ 🇺🇸 ✈️✅ पूरे अमेरिका ने सांस ली, हवाई यातायात फिर शुरु 🟡 पूरे अमेरिका में सामान्य हवाई यातायात संचालन धीरे-धीरे बहाल होना शुरू हो गया है । इससे पहले सुबह पायलटों और अन्य कर्मियों को हवाई मुद्दों के बारे में अलर्ट करने वाली एक प्रणाली में तकनीकी खराबी के बाद अमेरिका में सैकड़ों विमानों की आवाजाही ठप हो गई थी▪️ 🇮🇳 📞 🇮🇱 PM मोदी ने इसराइली PM नेतन्याहू से फ़ोन पर बात की 🟡 PM मोदी ने इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की है। आपको बता दें कि हाल में ही बेंजामिन नेतन्याहू छठी बार इजरायल के PM बने हैं। PM मोदी ने बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी बातचीत के दौरान भारत आने का निमंत्रण दिया है। खबर तो यह भी है कि नेतन्याहू जल्द ही भारत के दौरे पर आ सकते हैं। PM मोदी की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक उन्होंने इजरायल के PM चुने जाने पर बेंजामिन नेतन्याहू को बधाई दी है और उनके सफल कार्यकाल की कामना भी की है। आपको बता दें कि 73 वर्षीय नेतन्याहू PM मोदी के बहुत अच्छे दोस्त हैं। दोनों के बीच एक खास बॉन्डिग भी दिखती हैं▪️ 🕹️🆕 हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा, कई विभाग ख़ुद CM के पास रहेंगे 🟡 बड़ी खबर हिमाचल प्रदेश से है ,जहां सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. सीएम सुक्खू ने वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन, गृह विभाग, कार्मिक विभाग अपने पास रखा है, इसके अलावा जो विभाग किसी को आवंटित नहीं हुए वो भी CM ही देखेंगे. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को जल शक्ति विभाग, परिवहन और भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग का जिम्मा दिया गया है. डिप्टी सीएम को दिए विभागों में कोई फेरबदल नहीं की गई है. कर्नल धनी राम शांडिल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग और श्रम एवं रोजगार विभाग का दायित्व दिया गया है जबकि कृषि और पशुपालन विभाग के मंत्री चंद्र कुमार होंगे. हर्षवर्धन चौहान उद्योग, संसदीय कार्य और आयुष विभाग का जिम्मा संभालेंगे. हिमाचल प्रदेश की सरकार में रोहित ठाकुर शिक्षा मंत्री होंगे. उनके पास प्रारंभिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभाग, वोकेशनल और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग का भी जिम्मा होगा. जगत सिंह नेगी को राजस्व मंत्री बनाया गया है. उनके पास बागवानी और जनजातीय विकास विभाग का भी जिम्मा होगा. अनिरूद्ध सिंह को पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया है जबकि विक्रमादित्य सिंह पीडब्लूडी मिनिस्टर बनाये गए हैं. उनके जिम्मे युवा सेवा और खेल विभाग भी होगा▪️ 🎊 🚙 लोगों ने आख़िर झलक देख ही ली इलैक्ट्रिक मारुति सुजुकी कार की 🟡 Noida में शुरु हुए "ऑटो एक्सपो 2023" के पहले ही दिन मारुति सुजुकी ने धमाका किया है। कंपनी की इलेक्ट्रिक कार का लंबे समय से इंतजार कर रहे लोगों को नए साल पर सरप्राइज मिला है। ऑटो एक्सपो की शुरूआत में ही Maruti Suzuki ने अपनी नई Electric SUV कॉन्सेप्ट कार लोगों के समक्ष पेश कर दी। कंपनी ने इसे Maruti EVX नाम दिया है, जिसे EV एक्स कहा जाता है। कंपनी ने अपनी इस कार से अब स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में वह इलेक्ट्रिक SUV सेगमेंट में अपनी धाक जमाने को तैयार है। जानकारी के मुताबिक फिलहाल लोगों को इसके लिए साल 2025 तक के इंतजार करना होगा। जनवरी-फरवरी 2025 में इस कार को आप सड़क पर देख सकते हैं▪️ ✈️🤦‍♂️▪️कहीं TATA Airlines को यात्री "टाटा" न कह डालें 🟡 विवादों में घिरी एयर इंडिया की एक फ्लाइट में एक यात्री द्वारा महिला सहयात्री पर पेशाब करने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि एक और विवादित मामला सुर्खियों में आ गया है। खबर है कि एक यात्री ने टाटा के स्वामित्व वाली इस एयर लाइन कंपनी के विमान के खाने में पत्थर मिलने की शिकायत की है। इस शिकायत पर एयरलाइन ने माफी मांगी है। कंपनी ने कहा कि उसने इस घटना को गंभीरता से लिया है। खाने में पत्थर के लिए कैटरर के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी ▪️ 🤦‍♂️🔁 अशोक खेमका का 55वी बार तबादला ‼️हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका का तबादला कर दिया है। चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका का उनके 31 साल के करियर में ये 55वां तबादला है▪️ 🚆🟢 4️⃣ भारत की सबसे लंबी ट्रेन "विवेक एक्सप्रैस" अब 27 मई से सप्ताह में 4 दिन चला करेगी 🟡 डिब्रूगढ़ से लेकर कन्याकुमारी तक जाने वाली भारत की सबसे लंबी ट्रेन "विवेक एक्सप्रेस" की टाइमिंग को लेकर इंडियन रेलवे ने बड़ा बदलाव किया है जो यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा. "विवेक एक्सप्रेस" डिब्रूगढ़ से लेकर कन्याकुमारी तक पहले शनिवार और रविवार दो दिन चला करती थी लेकिन अब इस के समय में बदलाव करके इसे 4 दिन चलाने की योजना बनाई जा रही है. आपको बता दें कि "विवेक एक्सप्रेस" 27 मई 2023 से हर शनिवार, रविवार, मंगलवार और गुरुवार को चलेगी जो डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक जाएगी. वहीं 11 मई 2023 से प्रत्येक बुधवार, गुरुवार, शनिवार और सोमवार को कन्याकुमारी से डिब्रूगढ़ के लिए ये ट्रेन चलेगी. आपको बता दें कि इस ट्रेन में 22 कोच हैं जिसमें एक एसी टू टियर, 4 एसी थ्री टियर, 11 स्लीपर क्लास और 1 पैंट्री कार है. इसके अलावा 2 पावर कम लगेज और 3 जनरल सीटिंग है▪️ भारत की सबसे लंबी ट्रेन का दर्जा पाने वाली "विवेक एक्सप्रेस" देश के 9 राज्यों से होकर गुजरती है जिसमें वह करीब 4189 किलोमीटर की दूरी तय करती है. सबसे लंबी दूरी तय करने वाली इस ट्रेन के 59 स्टॉपेज हैं. आपको बता दें कि विवेक एक्सप्रेस को 19 नवंबर 2011 को शुरू किया गया था▪️ 💥 👩‍🌾🧑‍🌾👨‍🌾 सेना का वाहन गहरी खाई में गिरा, 3 जवान शहीद ⚫ जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में बड़ा हादसा पेश आया है। यहां माछल सेक्टर में गश्त के दौरान सेना का वाहन खाई में गिरने से तीन जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों में दो जवान हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। शहीद जवानों की पहचान हवलदार अमरीक सिंह (39) निवासी ग्राम मंडवारा, पोस्ट मारवाड़ी, तहसील घनारी, जिला ऊना और अमित शर्मा (23) निवासी ग्राम तलसी खुर्द, पोस्ट किर्विन, तहसील व जिला हमीरपुर के तौर पर हुई है। वहीं, तीसरे जवान की पहचान नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कु एसडीमार (43) निवासी ग्राम मजुआ उत्तमी, पोस्ट रायका, तहसील बिश्राह जिला जम्मू के तौर पर हुई है। तीनों ही जवान डोगरा रेजीमेंट की 14वीं बटालियन में थे▪️ 💥🩸💯 पीड़ितों को सहायता मिलनी शुरु 🟡 उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित प्रत्येक परिवार को तत्कालिक तौर पर 1.50 लाख रुपए की धनराशि अंतरिम सहायता के रूप में दी जा रही है▪️ 📡1️⃣0️⃣0️⃣ जियो ने शतक पूरा किया 🟡 100 दिनों में 101 शहरों में True-5G लॉन्च करके जियो ने नया रिकॉर्ड कायम किया है. तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री थिरु टी. मनो थंगराज ने कोयम्बटूर, मदुरै, तिरुचिरापल्ली, सेलम, होसुर और वेल्लोर शहरों में जियो True 5G नेटवर्क का शुभारंभ किया. इन 6 शहरों के साथ ही जियो के 5G नेटवर्क से कनेक्ट होने वाले शहरों की संख्या 101 पहुंच गई है. जियो के 5G रोलआउट की स्पीड अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों से कहीं तेज़ है. जियो के 101 शहरों के मुकाबले एयरटेल मात्र 27 शहरों में ही अपनी 5G सर्विस लॉन्च कर पाया है. वहीं VI यानी वोडा आइडिया के ग्राहक अभी तक 5G के शुरु होने का इंतजार कर रहे हैं▪️ 🚆💥 वंदे मातरम् पर फिर पथराव 🟡विशाखापत्तनम में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की चौंका देने वाली घटना सामने आई है. हादसा मेंटेनेंस के दौरान हुआ. विशाखापत्तनम के कांचरापलेम के पास वंदे भारत एक्सप्रेस के एक कोच का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. DRM ने बताया कि मामले में आगे की जांच चल रही है▪️ 🇦🇫 💥 काबुल में फिर धमाका , 3 मरे 🟡 अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती हमले में 3 लोगों के मारे जाने की खबर. धमाके में 8 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं. गौर करने वाली बात यह है कि यह धमाका विदेश मंत्रालय के बाहर हुआ है. हमला उस वक्त हुआ जब मंत्रालय में चीन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हो रही थी▪️ 🚛 💥 रायबरेली में दर्दनाक सड़क हादसा, चाय पी रहे छह लोगों पर मौत बनकर पलटा डंपर▪️ 🎊 1️⃣3️⃣ बहुत खास है 13 जनवरी वाराणसी के लिए 🟡 वाराणसी के लिए 13 जनवरी कई मायने में खास होगी । इस दिन PM नरेंद्र मोदी रविदास घाट पर आयोजित कार्यक्रम में करीब एक घंटे तक ऑनलाइन जुड़े रहेंगे। इस दौरान गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाएंगे। साथ ही टेंट सिटी का लोकार्पण करेंगे▪️ 🇨🇳 👹 गंभीरता, चीन में भारतीय के साथ हो रही है रोज मारपीट ‼️चीन में भारतीयों पर हमले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चीन में पिछले चार महीने में पचास भारतीयों पर हमले किए गए हैं। बीजिंग और शंघाई में भारतीयों पर टारगेटेड अटैक किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रोफेसर, स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स पर अटैक किए जा रहे हैं। वहीं चीनी सरकार भारतीयों पर हमले को दबाने में लगी है। चीनी सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। पीट रहे लोग चीनी थे और पिट रहे भारतीय। मारने वालों पर क्या कार्रवाई हुई, पिटने वालों का क्या हाल हुआ। कुछ भी नहीं पता चला▪️ 🇦🇫 👩तालिबानी शासकों से बहुत दुखी हैं महिला एथलीट ‼️अफगानिस्तान में महिला एथलीटों ने कहा है कि तालिबान ने न सिर्फ लड़कियों और महिलाओं के किसी भी खेल गतिविधि में हिस्सा लेने पर पाबंदी लगा दी है, बल्कि किसी वक्त खेल में सक्रिय रही महिलाओं व लड़कियों को लगातार धमकाया और प्रताड़ित भी किया है। तालिबान के लोग लड़कियों को निजी रूप से खेल का अभ्यास करने पर भी गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं▪️ 🇮🇳🏏 🇦🇺 भारत और न्यूज़ीलैंड के मध्य इंदौर ODI को लेकर टिकटों की बिक्री आज से, महंगी हैं टिकटें 🟡 इंदौर में एक बार फिर क्रिकेट का रोमांच देखने मिलेगा, जहां 24 जनवरी को इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच ODI मुकाबला होने जा रहा है। इस क्रिकेट मैच के लिए खेल प्रेमियों में भी अच्छा खासा उत्साह देखने मिल रहा है। 24 जनवरी को होने वाली क्रिकेट मैच के लिए MPCA ने ऑनलाइन टिकट बिक्री की तारीख और टिकट की दर घोषित कर दी है। टिकट की बिक्री आज सुबह 6 बजे से ऑनलाइन होगी, जहां पेटीएम और इनसाइडर डॉट इन एप के माध्यम से इन टिकटों को बेचा जाएगा। बता दें कि इससे पहले यहां 4 अक्टूबर को हुए T20 मैच के दौरान ऑनलाइन टिकट वितरण की व्यवस्था को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी। 24 जनवरी को भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले क्रिकेट के महा मुकाबले के लिए टिकट की दर पर यदि एक नजर डाली जाए तो अबकी बार टिकट की दर T20 क्रिकेट मैच से महंगी है, जहां सबसे सस्ता टिकट 524 रूपए का है, तो वहीं सबसे महंगा टिकट 6089 रूपए का रखा गया है। 524 रूपए का टिकट इस स्टैंड की लोअर गैलरी का रहेगा। वहीं साउथ पवेलियन टिकट दर लोअर 5105 रुपए, फर्स्ट फ्लोर 6089, सेकंड फ्लोर 5720, थर्ड फ्लोर 4490, और ईस्ट एंड लोअर 524, फर्स्ट फ्लोर प्रीमियम 1015, फर्स्ट फ्लोर रेगुलर 953, सेकंड फ्लोर 892 रुपए, वेस्ट स्टैंड लोअर 701 रुपए, फर्स्ट फ्लोर प्रीमियम 1199, फर्स्ट फ्लोर रेगुलर 1138 रुपए, सेकंड फ्लोर 1052 रूपए रहेगा▪️ 🙆🏻‍♂️🏏 👹 पृथ्वी शॉ ने भारतीय चयनकर्ताओं की बोलती बंद कर दी 🟡भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने सेलेक्टर्स पर निशाना साधते हुए पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. पृथ्वी शॉ ने अपने इस बयान से तूफान खड़ा कर दिया है. 23 साल के पृथ्वी शॉ को लगभग 2 साल से सेलेक्टर्स ने टीम इंडिया में नहीं चुना है. आखिरी बार ये बल्लेबाज साल 2021 में श्रीलंका दौरे पर ODI और T20 सीरीज में खेलता नजर आया था. पृथ्वी शॉ को सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग का कॉम्बिनेशन माना जाता है, जिनके पास एक से बढ़कर एक शॉट्स मौजूद हैं. सेलेक्टर्स ने पृथ्वी शॉ को लगभग हर सीरीज और मल्टीनेशन टूर्नामेंट में इग्नोर किया है, लेकिन इस बल्लेबाज ने आज अपने गुस्से को अपना हथियार बनाते हुए असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में 379 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर सेलेक्टर्स को मुंहतोड़ जवाब दे दिया है. पृथ्वी शॉ ने सेलेक्टर्स पर निशाना साधते हुए एक सनसनीखेज बयान दिया है▪️ 🇮🇳 🏏 🇱🇰 आज एक रोमांचक ODI की प्रतीक्षा में भारत और श्रीलंका की टीमें कोलकाता पहुंची , मौसम रहेगा साफ 🟡 लम्बे समय के बाद टीम इंडिया ईडन गार्डंस कोलकाता में खेलने के लिए पहुंच चुकी है । श्रीलंका के विरुद्ध कोलकाता में दूसरा एकदिवसीय मुकाबला खेला जाएगा। पहले ODI को जीतकर टीम इंडिया ने पहले ही सीरीज में बढ़त हासिल कर ली है। इस मैच में जीत दर्ज कर भारतीय टीम सीरीज पर कब्जा ज़माने का प्रयास करेगी। श्रीलंकाई टीम के लिए यह मैच करो या मरो वाला है । इस समय उत्तर भारत में सर्दी का मौसम चल रहा है। कहीं न कहीं उसका असर भारत के अन्य स्थानों पर भी पड़ा है। कोलकाता में उतनी सर्दी नहीं होगी लेकिन तापमान 10 डिग्री सेल्सियम के करीब रहने के आसार हैं। मौसम में हवाओं का असर भी नहीं होगा। इससे गेंदबाजों को मदद की संभावना समाप्त हो जाती है। हालांकि शाम के समय शुरुआती दौर में तेज गेंदबाजों को पिच से मदद मिल सकती है। बाद में पिच बैटिंग करने के लिए आसान हो जाएगी। कोलकाता में ऐसा अक्सर देखा जाता है, जब पिच रात के समय बैटिंग करने वाली टीम को काफी ज्यादा मदद करती है । कोलकाता का ईडन गार्डंस स्टेडियम गंगा नदी के पास स्थित है। वहां से आने वाली हल्की हवाओं से तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। हाल के समय में ऐसा देखा गया है। हालांकि मुकाबले में बारिश का खलल देखने को नहीं मिलेगा। शाम के समय ओस का प्रभाव देखने को मिलेगा। इससे गेंदबाजों को मुश्किल होगी और बल्लेबाजों के लिए काम आसान हो जाएगा। आउटफील्ड में भी ओस का प्रभाव रहेगा लेकिन यहां की आउटफील्ड काफी तेज होती है। साफ़ मौसम में एक रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद की जा सकती है▪️

   बलुवाना न्यूज पंजाब 🔴 😱 🗻 वैज्ञानिको ने दी खतरनाक चेतावनी , अगर टिहरी बांध टूटा तो हरिद्वार ऋषिकेश एक घण्टे में डूब जाएगा , इतनी बड़ी त्रासदी के लिए इंसान ख़ुद जिम्मेवार होगा 🟡 उत्तराखंड के  जोशीमठ में आई आपदा के लिए जलविद्युत परियोजनाओं को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. माना जा रहा है कि टनल निर्माण से यहां की जमीन भीतर पूरी तरह खोखली हो गई थी. नतीजा ये है कि अब ये जगह-जगह दरकने लगी है. ऐसे में जलविद्युत परियोजनाओं पर कई सवाल उठने लगे हैं. जलविद्युत परियोजनों पर उठ रहे सवालों के बीच विश्व के सबसे बड़े बांधों में एक टिहरी बांध पर भी चर्चा तेज है, जिस टिहरी बांध को 24 सौ मेगावॉट बिजली पैदा करने के लिए बनाया गया था. वहां परियोजना बनने के 17 साल बाद मात्र हजार मेगावॉट ही बिजली का उत्पादन हो रहा है. टिहरी बांध को बनाने में जहां टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा, वहीं 37 गांव पूरी तरह डूब गए. यही नहीं अन्य 88 गांव भी आंशिक रूप प्रभावित हुए हैं. हालात ये हैं कि टिहरी बांध बनने से 40 गांवों में हर समय खतरा मंडराया हुआ है. इन गांवों में अक्सर जमीन दरकने की घटनाएं होती रहतीं है...
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🌹🪴राष्ट्र हिन्दू 🪴🌹इस्लाम की शिक्षाओं से कभी भी दुनिया में विकास नहीं हो सकता।दुनिया में ५४ मुस्लिम देश हैं।लगभग ४ मुस्लिम देश केवल और केवल तेल बेचकर ही अपना विकास कर पाए क्योंकि एकमात्र तेल ही उनके विकास का आधार है।जो चार देश तेल बेचकर थोड़ा बहुत समृद्ध भी हैं उन देशों में वहां की जनता आज भी शैक्षिक रूप से पिछड़ी हुई है।ईरान और साऊदी जैसे मुस्लिम देशों की ८०% अर्थव्यवस्था केवल तेल से चलती है।तेल बेचकर जो डालर कमाया उसी से इन देशों ने विदेशों से इंजीनियरिंग और सहायता मांग के अपने देश को थोड़ा बहुत विकसित सा कर दिया।जिस दिन तेल समाप्त हो गया ये देश दादा आजम के जमाने में चले जाएंगे।इस्लाम की शिक्षा में ना तो गणित है और ना ही विज्ञान और ना ही नैतिक शिक्षा।तलाक़, हलाला, कुर्बानी , और केवल जेहाद करना , तथा दुनिया में केवल इस्लाम की सत्ता यही एकमात्र इस्लाम की शिक्षा का उद्देश्य है।इस्लाम में औरतों की शिक्षा को हराम माना गया है और उन्हें बस केवल भोग और बच्चे पैदा करने की मशीन माना गया है।दुनिया के ४० मुस्लिम देश तो ऐसे हैं जहां हर समय अशांति ही फैली हुई है।सबसे बड़ी बात यह है कि जिन देशों में ९५% से उपर मुस्लिम हैं और पूरी तरह इस्लाम का राज है वहां भी अब तक गडे हुए मुर्दे ना तो कब्रों से बाहर निकले और ना ही उनके जन्नत और दोजख में जाने का फैसला हो पाया !!!!आज भी वहां मुस्लिम संगठन छोटे छोटे आतंकवादी गुटों में बंटकर एक दूसरे को ७२ हूरों के पास भेजने पर लगे हैं।इस्लाम के भीतर टालरेंट नाम का शब्द नहीं है।यदि आप इस्लाम विरोधी बातों को तर्क के साथ किसी मुस्लिम के सामने रखेंगे तो वह आक्रोशित हो जाएगा।कूरान में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है, कि क्रिश्चियन और पारसी तुम्हारे सबसे बड़े दुश्मन हैं और उनसे युद्ध करो।मूर्ति पूजकों से दूर रहो और उन्हें इस्लाम में लाओ और यदि वे ऐसा ना करें तो उनके साथ भी युद्ध करो।गैर इस्लामिक महिलाओं को पहले मुस्लिम बनाकर इमान में लाओ और फिर उनसे निकाह करो।युद्ध में लूटा गया धन और महिलाओं तुम्हारी हैं।ये जो ७२ हूरों वाली कल्पनाएं खलिफाओं की है, युद्ध में जब विरोधी मारे जाएंगे तो उनकी बीवियां और बच्चियों को जो कि युद्ध में जीती गयी हैं उन्हें ही इन आतंक के सरगनाओं के अनुसार ७२ हूरें कहा जाता है।दुनिया के अधिकांश इस्लामिक देश अशांत हैं।इस्लाम को मानने वाले कभी भी मानसिक रूप से खुश नहीं रहते और केवल उनका एक ही उद्देश्य है दुनिया में इस्लाम की सत्ता जो कि कभी होगा ही नहीं।संसार में एक नियम है, कि जब कोई प्रजाति जंगल में अधिक हो जाती है तो उसे समाप्त करने वाली दूसरी प्रजाति पैदा हो जाती है।इस्लाम की वैचारिक सोच में अब घुन लग चुका है।और इस्लाम के भीतर ही इस्लाम विरोधी शक्तियां पैदा हो गयी है।अरब का शेख इसका उदाहरण है।साऊदी में हिंदू मंदिर खुल चुका है और महिलाओं पर धीरे-धीरे अब पाबंदियां हटने लगी है।ईरान में बुर्के का विरोध हो रहा है।सनातन धर्म अब सक्रिय हो चुका है।अधिकांश मुस्लिमों के पूर्वज भी सनातनी हिंदू थे और अब उनका डी एन ए भी इस्लाम के विरुद्ध सक्रिय हो चुका है।

🌹🪴राष्ट्र हिन्दू 🪴🌹 इस्लाम की शिक्षाओं से कभी भी दुनिया में विकास नहीं हो सकता। दुनिया में ५४ मुस्लिम देश हैं। लगभग ४ मुस्लिम देश केवल और केवल तेल बेचकर ही अपना विकास कर पाए क्योंकि एकमात्र तेल ही उनके विकास का आधार है। जो चार देश तेल बेचकर थोड़ा बहुत समृद्ध भी हैं उन देशों में वहां की जनता आज भी शैक्षिक रूप से पिछड़ी हुई है। ईरान और साऊदी जैसे मुस्लिम देशों की ८०% अर्थव्यवस्था केवल तेल से चलती है। तेल बेचकर जो डालर कमाया उसी से इन देशों ने विदेशों से इंजीनियरिंग और सहायता मांग के अपने देश को थोड़ा बहुत विकसित सा कर दिया। जिस दिन तेल समाप्त हो गया ये देश दादा आजम के जमाने में चले जाएंगे। इस्लाम की शिक्षा में ना तो गणित है और ना ही विज्ञान और ना ही नैतिक शिक्षा। तलाक़, हलाला, कुर्बानी , और केवल जेहाद करना , तथा दुनिया में केवल इस्लाम की सत्ता यही एकमात्र इस्लाम की शिक्षा का उद्देश्य है। इस्लाम में औरतों की शिक्षा को हराम माना गया है और उन्हें बस केवल भोग और बच्चे पैदा करने की मशीन माना गया है। दुनिया के ४० मुस्लिम देश तो ऐसे हैं जहां हर समय अशांति ही फैली हुई है। सबसे बड़ी बात यह है...

🌹🪴गीता ज्ञान🪴🌹मासिक धर्म का कारण है इंद्र के द्वारा किया गया यह पाप By बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रममसिक धर्म मासिक धर्म को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं । जहाँ वैज्ञानिक इसे एक जैविक प्रक्रिया बताते हैं वहीँ इसे हमारी प्रचलित मान्यताओं में अपवित्र कहा गया है । इस दौरान महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश निषेध है । पवित्र कामों को करने के लिए महिलाओं को मासिक धर्म के वक्त मनाही रहती है । यह विषय हमेसा से ही चर्चा का विषय रहा है और जमाने भर के लेखकों नेऔर दार्शनिकों ने इस पर बहुत कुछ कहा है । हमारा आज का विषय मासिक धर्म से जुड़ी मान्यताओं को सही या गलत ठहरना नहीं है । हम आज आपको बताएँगे कि इस विषय से जुड़ी हमारे धर्म शास्त्रों में कौन सी कहानी बताई गयी है ।इंद्र के द्वारा किया गया पापइंद्र के द्वारा किये गए पाप की सजा सभी महिलाओं को मिली और तब से उन्हें मासिक धर्म की पीड़ा को सहना पड़ता है । हमारे धर्म शास्त्रों में कई तरह के पाप कर्मों की बात की गयी है जिनकी सजा करने वाले को नहीं वल्कि किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाया करती थी । अतीत में किये गए इसी तरह के पापों में से एक है इंद्र के द्वारा की गयी ब्रम्हहत्या ।एक बार की बात है देवताओं के गुरु वृहस्पति उनपर नाराज हो गए । इस मौके का फायदा उठाकर असुरों ने स्वर्ग पर हमला कर दिया । गुरु का संरक्षण ना होने के कारण सारे देवता कमजोर पड़ गए और युद्ध हार गए । असुरों ने स्वर्ग छीन लिया और देवता बेघर होकर यहाँ वहां भटकने लगे । स्वर्ग के राजा जब बेघर होकर भाग रहे थे तो उनकी मदद किसी ने नहीं की । ब्रम्हा जी ने उन्हें सलाह दी कि देवराज का यह हाल एक महात्मा का तिरस्कार करने की वजह से हुआ है । अगर देवताओं पर बृहस्पति की कृपा होती हो ये नौबत कभी ना आती । ।ब्रम्हा जी ने कहा की देवराज इंद्र को गुरु कृपा से ही स्वर्ग वापस मिल सकता है इसलिए उन्हें किसी महात्मा की शरण में जाना चाहिए । इंद्र ने वैसा ही किया और एक ज्ञानी महात्मा को प्रसन्न करने के लिए रोज उनकी सेवा करने लगे । महात्मा के लिए यज्ञ की सामग्री लेकर आते, हाथ पैर दबाते और विनम्र भाव से आज्ञा पालन करते । सब कुछ ठीक चल रहा था जब तक इंद्र ने उन महात्मा की ह्त्या नहीं कर डाली । दरअसल इंद्र को पता चला कि वो महात्मा एक असुर के पुत्र थे और यज्ञ में दी गयी सारी आहूतियां असुरों तक पंहुचा रहे थे ।इंद्र ने अपने पाप का फल स्त्रियों को दे दियापहले से ही मुसीबत में पड़े इंद्र पर अब एक और मुसीबत आ गयी क्यूंकि ब्रम्हत्या का पाप भी अब उनपर लगने वाला था । भागवान विष्णु ने इंद्र को इस पाप से बचने की सलाह दी । भागवान के कहे अनुसार इंद्र ने अपने पाप का एक चौताई हिस्सा पेड़ों को, एक चौथाई हिस्सा भूमि को, एक चौथाई हिस्सा महिलाओं को और एक चौथाई हिस्सा जल को दे दिया । इस तरह इंद्र को पाप से मुक्ति मिल गयी लेकिन पाप के एवज में इंद्र ने चारों पात्रों को एक-एक वरदान भी दिया ।इंद्र ने पेड़ों को वरदान दिया कि पेड़ एक बार कटने के बाद अपने आप को पुनः जीवित कर सकेंगे बदले में पेड़ में से गोंद निकलना शुरू हो गया । इसी तरह स्त्री को इंद्र ने वरदान दिया कि पुरुषों के मुकाबले वे चार गुना ज्यादा काम का आनंद ले सकेंगी । इसी तरह जल को इंद्र ने वरदान दिया कि आज से जल में पवित्र करने की शक्ति पायी जाएगी । भूमि को वरदान दिया कि भूमि के गड्ढे अपने आप भर जायेमसिक धर्म का वैज्ञानिक कारणवैज्ञानिकों के मत अनुसार मासिक धर्म एक साधारण प्रक्रिया है । यह स्त्री के सरीर में बने अत्यधिक मासपेशियों से उन्हें निजात दिलाता है । दरअसल स्त्री का शरीर हार्मोन में हुए बदलाव की वजह से नयी मासपेशियों को बनाता है । जब इनका इस्तेमाल नहीं होता तो शरीर इनसे छुटकारा पा लेता है और दोबारा से नयी मासपेशियां बनाना शुरू कर देता है । इतना ही साधारण है मासिक धर्म वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से ।पुरुषों को मसिक धर्म क्यों नहीं होता?पुरुषों को इंद्र ने अपने पाप का हिस्सा नहीं दिया था इसलिए उन्हें मासिक धर्म नहीं होता । वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से पुरुषों का प्रजनन तंत्र महिलाओं के प्रजनन तंत्र से अलग काम करता है । अब क्यूंकि पुरुष बच्चों को जन्म नहीं देते इसलिए उनका शरीर उसके लिए उतनी मासपेशियां नहीं बनाता ।मासिक धर्म के दौरान मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध क्यों?मंदिर में प्रवेश पवित्र व्यक्ति ही कर सकता है । पवित्र मतलब जो शरीर से पवित्र हो । प्राचीन काल में इस नियम का दुरूपयोग किया जाता रहा और छोटी जाती के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता रहा । मासिक धर्म के दौरान महिलाएं शरीर से अपवित्र होती हैं इसलिए उस वक्त उनका मंदिर में प्रवेश निषेध है ।माहवारी से हुयी बीमारियों से बचने के उपायमाहवारी यानि मासिक धर्म के वक्त गंदा कपड़ा इस्तेमाल करने से बचें । इस द्वारान अत्यधिक मेहनती काम करने से बचे ।असामान्य मासिक धर्म से कैसे बचें?मानसिक तनाव से बचें । ऐसा होने पर कुछ दिन के लिए व्ययायाम सम्बन्धी गतिविधियों पर रोक लगाएं । प्राणायाम कर सकते हैं इससे तनाव जायेगा ।क्या जानवरों को मासिक धर्म होता है?वैज्ञानिकों के अनुसार जानवरों को मासिक धर्म नहीं होता, जानवरों में यह काफी काम मात्रा में होता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में estrous cycle कहते हैं ।क्या मासिक धर्म को रोका जा सकता है?इस प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता क्यूंकि यह बिलकुल नैसर्गिक है । महिलाओं का शरीर हर महीने बच्चा पैदा करने के लिए अपने आप को तैयार करता है । शरीर को यह पता नहीं होता कि किस महीने स्त्री गर्भवती होगी इसलिए स्त्री का शरीर अपने आप को इस काम के लिए हर महीने तैयार करता रहता है ।दोस्तों कहानी किसी लगी व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करके जरूर बताएं । ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहाँ क्लिक करें – Join Whatsapp । अंत तक बने रखने के लिए आपका शुक्रिया

🌹🪴गीता ज्ञान🪴🌹 मासिक धर्म का कारण है इंद्र के द्वारा किया गया यह पाप   By  बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम मसिक धर्म  मासिक धर्म को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं । जहाँ वैज्ञानिक इसे एक जैविक प्रक्रिया बताते हैं वहीँ इसे हमारी प्रचलित मान्यताओं में अपवित्र कहा गया है । इस दौरान महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश निषेध है । पवित्र कामों को करने के लिए महिलाओं को मासिक धर्म के वक्त मनाही रहती है । यह विषय हमेसा से ही चर्चा का विषय रहा है और जमाने भर के लेखकों नेऔर दार्शनिकों ने इस पर बहुत कुछ कहा है । हमारा आज का विषय मासिक धर्म से जुड़ी मान्यताओं को सही या गलत ठहरना नहीं है । हम आज आपको बताएँगे कि इस विषय से जुड़ी हमारे धर्म शास्त्रों में कौन सी कहानी बताई गयी है । इंद्र के द्वारा किया गया पाप इंद्र के द्वारा किये गए पाप की सजा सभी महिलाओं को मिली और तब से उन्हें मासिक धर्म की पीड़ा को सहना पड़ता है । हमारे धर्म शास्त्रों में कई तरह के पाप कर्मों की बात की गयी है जिनकी सजा करने वाले को नहीं वल्कि किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाया करती थी । अतीत में किये गए इसी तरह के पापों...

वनिता कासनियां पंजाब सहायता केंद्र vnitakasnia @mail.com नित्य लाइव दर्शन एवं साधना 👉 🚩जय श्री राम🚩जय श्री हनुमान Shri। Hanuman Chalisa By वनिता कासनियां पंजाब? ।। जय श्री सीताराम जी ।। दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।। सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।। चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।। तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।। जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। दोहा : पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

  वनिता कासनियां पंजाब    सहायता केंद्र      vnitakasnia @mail.com नित्य लाइव दर्शन एवं साधना 👉 🚩जय श्री राम 🚩जय श्री हनुमान Shri।  Hanuman Chalisa By वनिता कासनियां पंजाब? ।। जय श्री सीताराम जी ।। दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।...

🚩🪴राष्ट्र हिन्दू 🪴🚩 करवा चौथ पर महिलायें सोलह श्रृंगार करती है, वह 16 श्रंगार की कौन से होते है? By वनिता कासनियां पंजाब महिलाएं केवल करवा चौथ पर ही 16 श्रृंगार नहीं करती। भारत में महालक्ष्मी व्रत, दीपावली, विवाह आयोजन ओर शुभ मंगल कार्यों के दौरान भी 16 श्रंगार करती हैं।स्त्री जातक, स्त्री सुबोधनी, हरिवंश पुराण, श्रंगार शतक आदि पुस्तकों में स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक सोलह श्रंगारों की चर्चा की गई है।स्त्रियों के 16 श्रृंगार एवं उसका महत्व हिन्दू महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व हैस्त्री के 16 श्रंगार 16 कला, ॐकार की 16 मात्रा ओर षोड़स मातृका का प्रतीक हैं।स्त्रियों के 16 श्रृंगार कौन से हैंविवाह के बाद स्त्री इन सभी चीजों को अनिवार्य रूप से धारण करती है। हर एक चीज का अलग महत्व है।हर स्त्री चाहती थी की वे सज धज कर सुन्दर लगे। यह उनके रूप को ओर भी अधिक सौन्दर्यवान बना देता है।श्रंगार से पूर्व महिलाएं हल्दी, केशर आदि का उबटन लगाकर शरीर की शुद्धि करती हैं।प्राचीन जाल में रानी, अमिरिन की पत्नियां कुंकुमादि तेल से शरीर की मालिश करती थीं।पहला श्रृंगार: बिंदीसंस्कृत भाषा के बिंदु शब्द से बिंदी की उत्पत्ति हुई है। भवों के बीच रंग या कुमकुम से लगाई जाने वाली भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है।सुहागिन स्त्रियां कुमकुम या सिंदूर से अपने ललाट पर लाल बिंदी लगाना जरूरी समझती हैं। इसे परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।दूसरा श्रृंगार: सिंदूरसिंदूर उत्तर भारत में लगभग सभी प्रांतों में सिंदूर को स्त्रियों का सुहाग चिन्ह माना जाता है और विवाह के अवसर पर पति अपनी पत्नी के मांग में सिंदूर भर कर जीवन भर उसका साथ निभाने का वचन देता है।तीसरा श्रृंगार: काजलकाजल आँखों का श्रृंगार है. इससे आँखों की सुन्दरता तो बढ़ती ही है, काजल दुल्हन और उसके परिवार को लोगों की बरी नजर से भी बचाता है।चौथा श्रृंगार: मेहंदीमेहंदी के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। शादी के वक्त दुल्हन और शादी में शामिल होने वाली परिवार की सुहागिन स्त्रियां अपने पैरों और हाथों में मेहंदी रचाती है।ऐसा माना जाता है कि नववधू के हाथों में मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उसका पति उसे उतना ही ज्यादा प्यार करता है ।पांचवां श्रृंगार:शादी का जोड़ा उत्तर भारत में आम तौर से शादी के वक्त दुल्हन को जरी के काम से सुसज्जित शादी का लाल जोड़ा (घाघरा, चोली और ओढ़नी) पहनाया जाता है।पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में फेरों के वक्त दुल्हन को पीले और लाल रंग की साड़ी पहनाई जाती है। इसी तरह महाराष्ट्र में हरा रंग शुभ माना जाता है और वहां शादी के वक्त दुल्हन हरे रंग की साड़ी मराठी शैली में बांधती हैं।छठा श्रृंगार: गजरादुल्हन के जूड़े में जब तक सुगंधित फूलों का गजरा न लगा हो तब तक उसका श्रृंगार फीका सा लगता है।दक्षिण भारत में तो सुहागिन स्त्रियां प्रतिदिन अपने बालों में हरसिंगार के फूलों का गजरा लगाती है।सातवां श्रृंगार : मांगटीका मांग के बीचों-बीच पहना जाने वाला यह स्वर्ण आभूषण सिंदूर के साथ मिलकर वधू की सुंदरता में चार चांद लगा देता है। ऐसी मान्यता है कि नववधू को मांग टीका सिर के ठीक बीचों-बीच इसलिए पहनाया जाता है कि वह शादी के बाद हमेशा अपने जीवन में सही और सीधे रास्ते पर चले और वह बिना किसी पक्षपात के सही निर्णय ले सके।आठवां श्रृंगारः नथनाक की नथ विवाह के अवसर पर पवित्र अग्नि में चारों ओर सात फेरे लेने के बाद देवी पार्वती के सम्मान में नववधू को नथ पहनाई जाती है।कहते हैं कि सुहागिन स्त्री के नथ पहनने से पति के स्वास्थ्य और धन-धान्य में वृद्धि होती है।उत्तर भारतीय स्त्रियां आमतौर पर नाक के बायीं ओर ही आभूषण पहनती है, जबकि दक्षिण भारत में नाक के दोनों ओर नाक के बीच के हिस्से में भी छोटी-सी नोज रिंग पहनी जाती है, जिसे बुलाक कहा जाता है। नथ आकार में काफी बड़ी होती है इसे हमेशा पहने रहना असुविधाजनक होता है, इसलिए सुहागन स्त्रियां इसे शादी-व्याह और तीज-त्यौहार जैसे खास अवसरों पर ही पहनती हैं, लेकिन सुहागिन स्त्रियों के लिए नाक में आभूषण पहनना अनिर्वाय माना जाता है। इसलिए आम तौर पर स्त्रियां नाक में छोटी नोजपिन पहनती हैं, जो देखने में लौंग की आकार का होता है। इसलिए इसे लौंग भी कहा जाता है।नौवां श्रृंगारः कर्णफूलकान में पहने जाने वाला यह आभूषण कई तरह की सुंदर आकृतियों में होता है, जिसे चेन के सहारे जुड़े में बांधा जाता है। विवाह के बाद स्त्रियों का कानों मे कणफूल (ईयरिंग्स) पहनना जरूरी समझा जाता है। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि विवाह के बाद बहू को दूसरों की, खासतौर से पति और ससुराल वालों की बुराई करने और सुनने से दूर रहना चाहिए।दसवां श्रृंगारः हारगले में पहना जाने वाला सोने या मोतियों का हार पति के प्रति सुहागन स्त्री के वचनवद्धता का प्रतीक माना जाता है।हार पहनने के पीछे स्वास्थ्यगत कारण हैं। गले और इसके आस-पास के क्षेत्रों में कुछ दबाव बिंदु ऐसे होते हैं जिनसे शरीर के कई हिस्सों को लाभ पहुंचता है। इसी हार को सौंदर्य का रूप दे दिया गया है और श्रृंगार का अभिन्न अंग बना दिया है।दक्षिण और पश्चिम भारत के कुछ प्रांतों में वर द्वारा वधू के गले में मंगल सूत्र पहनाने की रस्म की वही अहमियत है।ग्यारहवां श्रृंगार: बाजूबंदकड़े के सामान आकृति वाला यह आभूषण सोने या चांदी का होता है। यह बाहों में पूरी तरह कसा जाता है। इसलिए इसे बाजूबंद कहा जाता है।पहले सुहागिन स्त्रियों को हमेशा बाजूबंद पहने रहना अनिवार्य माना जाता था और यह सांप की आकृति में होता था। ऐसी मान्यता है कि स्त्रियों को बाजूबंद पहनने से परिवार के धन की रक्षा होती और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।बारहवां श्रृंगार: कंगन और चूड़ियांसोने का कंगन अठारहवीं सदी के प्रारंभिक वर्षों से ही सुहाग का प्रतीक माना जाता रहा है।हिंदू परिवारों में सदियों से यह परंपरा चली आ रही है कि सास अपनी बड़ी बहू को मुंह दिखाई रस्म में सुख और सौभाग्यवती बने रहने का आशीर्वाद के साथ वही कंगन देती थी, जो पहली बार ससुराल आने पर उसे उसकी सास ने उसे दिये थे। इस तरह खानदान की पुरानी धरोहर को सास द्वारा बहू को सौंपने की परंपरा का निर्वाह पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।पंजाब में स्त्रियां कंगननुमा डिजाइन का एक विशेष पारंपरिक आभूषण पहनती है, जिसे लहसुन की पहुंची कहा जाता है।सोने से बनी इस पहुंची में लहसुन की कलियां और जौ के दानों जैसे आकृतियां बनी होती है। हिंदू धर्म में मगरमच्छ, हांथी, सांप, मोर जैसी जीवों का विशेष स्थान दिया गया है।उत्तर भारत में ज्यादातर स्त्रियां ऐसे पशुओं के मुखाकृति वाले खुले मुंह के कड़े पहनती हैं, जिनके दोनों सिरे एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।पारंपरिक रूप से ऐसा माना जात है कि सुहागिन स्त्रियों की कलाइयां चूड़ियों से भरी हानी चाहिए। यहां तक की सुहागन स्त्रियां चूड़ियां बदलते समय भी अपनी कलाई में साड़ी का पल्लू कलाई में लपेट लेती हैं ताकि उनकी कलाई एक पल को भी सूनी न रहे। ये चूड़ियां आमतौर पर कांच, लाख और हांथी दांत से बनी होती है। इन चूड़ियों के रंगों का भी विशेष महत्व है।नवविवाहिता के हाथों में सजी लाल रंग की चूड़ियां इस बात का प्रतीक होती हैं कि विवाह के बाद वह पूरी तरह खुश और संतुष्ट है। हरा रंग शादी के बाद उसके परिवार के समद्धि का हरा रंग शादी के बाद उसके परिवार के समृद्धि का प्रतीक है।होली के अवसर पर पीली या बंसती रंग की चूड़ियां पहनी जाती है, तो सावन में तीज के मौके पर हरी और धानी चूड़ियां पहनने का रीवाज सदियों से चला आ रहा है। विभिन्न राज्यों में विवाह के मौके पर अलग-अलग रंगों की चूड़ियां पहनने की प्रथा है।तेरहवां श्रृंगार : अंगूठीशादी के पहले मंगनी या सगाई के रस्म में वर-वधू द्वारा एक-दूसरे को अंगूठी को सदियों से पति-पत्नी के आपसी प्यार और विश्वास का प्रतीक माना जाता रहा है।चौदहवां श्रृंगार: कमरबंदकमरबंद कमर में पहना जाने वाला आभूषण है, जिसे स्त्रियां विवाह के बाद पहनती हैं, इससे उनकी छरहरी काया और भी आकर्षक दिखाई पड़ती है।सोने या चांदी से बने इस आभूषण के साथ बारीक घुंघरुओं वाली आकर्षक की रिंग लगी होती है, जिसमें नववधू चाबियों का गुच्छा अपनी कमर में लटकाकर रखती है।कमरबंद इस बात का प्रतीक है कि सुहागन अब अपने घर की स्वामिनी है।पंद्रहवाँ श्रृंगारः बिछुवा पैरों के अंगूठे में रिंग की तरह पहने जाने वाले इस आभूषण को अरसी या अंगूठा कह जाता है। पारंपरिक रूप से पहने जाने वाले इस आभूषण में छोटा सा शीशा लगा होता है, पुराने जमाने में संयुक्त परिवारों में नववधू सबके सामने पति के सामने देखने में भी सरमाती थी। इसलिए वह नजरें झुकाकर चुपचाप आसपास खड़े पति की सूरत को इसी शीशे में निहारा करती थी पैरों के अंगूठे और छोटी अंगुली को छोड़कर बीच की तीन अंगुलियों में चांदी का विछुआ पहना जाता है। शादी में फेरों के वक्त लड़की जब सिलबट्टे पर पेर रखती है, तो उसकी भाभी उसके पैरों में बिछुआ पहनाती है। यह रस्म इस बात का प्रतीक है कि दुल्हन शादी के बाद आने वाली सभी समस्याओं का हिम्मत के साथ मुकाबला करेगी।सोलहवां श्रृंगार: पायलपैरों में पहने जाने वाले इस आभूषण की सुमधुर ध्वनि से घर के हर सदस्य को नववधू की आहट का संकेत मिलता है।पुराने जमाने में पायल की झंकार से घर के बुजुर्ग पुरुष सदस्यों को मालूम हो जाता था कि बहू आ रही है और वे उसके रास्ते से हट जाते थे।पायल के संबंध में एक और रोचक बात यह है कि पहले छोटी उम्र में ही लडिकियों की शादी होती थी और कई बार जब नववधू को माता-पिता की याद आती थी तो वह चुपके से अपने मायके भाग जाती थी। इसलिए नववधू के पैरों में ढेर सारी मंघरुओं वाली पाजेब पहनाई जाती थी।पैरों में ढेर सारी घुंघरुओं वाली पाजेब पहनाई जाती थी ताकि जब वह घर से भागने लगे तो उसकी आहट से मालूम हो जाए कि वह कहां जा रही है।पैरों में पहने जाने वाले आभूषण हमेशा सिर्फ चांदी से ही बने होते हैं। हिंदू धर्म में सोना को पवित्र धातु का स्थान प्राप्त है, जिससे बने मुकुट देवी-देवता धारण करते हैं और ऐसी मान्यता है कि पैरों में सोना पहनने से धन की देवीलक्ष्मी का अपमान होता है।वनिता पंजाब साभार

🚩🪴राष्ट्र हिन्दू 🪴🚩 करवा चौथ पर महिलायें सोलह श्रृंगार करती है, वह 16 श्रंगार की कौन से होते है? By  वनिता कासनियां पंजाब महिलाएं केवल करवा चौथ पर ही 16 श्रृंगार नहीं करती। भारत में महालक्ष्मी व्रत, दीपावली, विवाह आयोजन ओर शुभ मंगल कार्यों के दौरान भी 16 श्रंगार करती हैं। स्त्री जातक, स्त्री सुबोधनी, हरिवंश पुराण, श्रंगार शतक आदि पुस्तकों में स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक सोलह श्रंगारों की चर्चा की गई है। स्त्रियों के 16 श्रृंगार एवं उसका महत्व हिन्दू महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है स्त्री के 16 श्रंगार 16 कला, ॐकार की 16 मात्रा ओर षोड़स मातृका का प्रतीक हैं। स्त्रियों के 16 श्रृंगार कौन से हैं विवाह के बाद स्त्री इन सभी चीजों को अनिवार्य रूप से धारण करती है। हर एक चीज का अलग महत्व है। हर स्त्री चाहती थी की वे सज धज कर सुन्दर लगे। यह उनके रूप को ओर भी अधिक सौन्दर्यवान बना देता है। श्रंगार से पूर्व महिलाएं हल्दी, केशर आदि का उबटन लगाकर शरीर की शुद्धि करती हैं। प्राचीन जाल में रानी, अमिरिन की पत्नियां कुंकुमादि तेल से शरीर की मालिश करती थीं। पहला श्रृंगार: बिंदी संस्कृत...